Thursday, September 9, 2010

बढती जनसंख्या

मानव धरती पर ऐसा प्राणी है जिसने मात्र अपने शरीर के एक अंग से प्रक्रति का स्वरुप ही बदल दिया है! आज धरती पर उसका ही प्रभुत्व है वहीँ अन्य जीवो व वनस्पतियों का जीवन उस पर आधारित हो गया है! मानव किसी भी जीव की आबादी जब चाहे बाधा सकता है जब चाहे उसके वजूद को धरती से मिटा सकता है !

वनस्पतियाँ अपनी प्राकर्तिक प्रजनन व रूप खो चुकी है उन्हें पता भी नहीं चलता कि वो कब जवान होकर पेड़ से अलग हो जायेंगी ! मानव की बढती आबादी ने जंगलो को ख़त्म कर दिया है!

बढती जनता को रोजगार देने के लिए ,जंगलो को खत्म करने के बाद बढता औधगिकीकरण अब हमारे गाँव में पैर पसार रहा है! फलस्वरूप कम्पनियों की फक्ट्रियाँ अब गाँव की शुद्ध जलवायु में जहर घोल रही है वहां की उपजाऊ जमीन पर बसी फैक्ट्री अब गेहूँ के दाने नहीं वो कांच के गोलियां पैदा कर रही है!

जिससे खाने-पीने की चीजों की उत्पादकता में कमी आ रही है वही महंगाई को जन्म दे रही है!

वर्षा का पानी पुन: धरती में पहुचने में असमर्थ है !क्योंकि धरती का एक विशाल हिस्सा मानव ने अपनी ऐशो-आराम से ढक दिया है! और पानी का वाष्पीकरण हो जाता है धरती अपनी नमी खो रही है और उसकी बंजरता बढ़ रही है!

किसानो के द्वारा उपयोग किये जाने वाले रासायनों ने धरती के गर्भ का जीवन खतरे में डाल दिया है! अब तो जमीन में जीवनयापन करने वाले जीव अब मरनासन सिथ्ती में पहुँच गए है कई प्रजातियाँ दुर्लभ हो गयी है ! सिर्फ बढती जनसंख्या का पेट ये जीव अपनी जान देकर भर रहे है ! बढती जनसंख्या ने बड़े जंगलो को उनके जीवो के साथ उन्हें चिड़िया घरो में बदल दिया है पेड़ो पर वास करने वाले पंछी लोगो के घरो में घोसला बनाकर रहते है! जहाँ उनकी जिंदगी मौत से साए में गुजरती है! प्रकृति के बारे में एक बात कही जाती है ! कि प्रकृति मानव के खिलाफ ही रही है! थोडा सा भी परिवर्तन मानव के लिए अझेल हो जाता है एक बार सोच कर देखिये हम अन्य जीवो जिंदगी में कैसा भूचाल ला दिया होगा
जनसंख्या को रोकने के उपाए
पुरुष नसबंदी
गर्भ निरोधक गोलियां
कंडोम का इस्तेमाल 
देर से विवाह
बढती जनसँख्या से नुकसान
१. गरीबी
२. अशिक्षा
३. बेरोजगारी
४. रोजगार , मकान और पीने योग्य पानी की कमी
५. महंगाई
६. खाद्यान संकट
७. जनसँख्या बढ़ने से प्रदुषण भी बढ़ता जा रहा है
जन जागरण अभियान 

१. हम दो हमारे दो
२. छोटा परिवार सुखी परिवार
३. बच्चे दो ही अच्छे 
+++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++++
ये किसी मेले का दृश्य नहीं है बल्कि दिल्ली मेट्रो के राजीव चौक स्टेशन का नजारा है. दिल्ली मेट्रो दिल्ली के लोगों और ट्राफिक के लिए एक बहुत ही अच्छा कदम थी. पर लोगों की भीड़ देखकर लगता है अब दिल्ली सरकार को मेट्रो के लिए भी आप्शन खोजने होंगे...

3 comments: